शौचालय का ऐसा ऐतिहासिक घटना जिसे नहीं जानती दुनिया।
शौचालय का ऐसा ऐतिहासिक घटना जिसे नहीं जानती दुनिया।
शौचालय का ऐसा ऐतिहासिक घटना बताने जा रहा हूं जिसे शायद ही दुनिया जानती है। मनुष्य के आवास में शौचालय का महत्वपूर्ण स्थान होता है क्योंकि शौचालय हमारे मान सम्मान और सामाजिक स्तर को व्यक्त करता है। हमारे देश भारत में शौचालय के लिए बहुत सारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। वर्तमान समय में भी स्वच्छता अभियान के रूप में शौचालय निर्माण की प्रक्रियाएं चलाई जा रही हैं। बहुत सारे टीवी चैनल पर भी शौचालय से संबंधित और स्वच्छता के बारे में स्वच्छता जागरूकता विज्ञापन बनाकर जनता के सामने दिखाया जा रहा है। जिसमें यह बताने की कोशिश की गई है कि मान सम्मान बनाए रखने के लिए शौचालय का निर्माण कराना आवश्यक है। वास्तव में शौचालय जरूरी होने के साथ-साथ वस्तु प्रभाव के रूप में भी मनुष्य के जीवन पर काफी असर डालती है। आज के इस लेख में शौचालय के महत्व को देखते हुए ऐसी विशेष जानकारी दी जा रही है। जिसे जन सामान्य लोग नहीं जानते हैं। ऐसी ही महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक जानकारी हमारे चैनल के माध्यम से आपके सामने प्रस्तुत की जा रही है।
आईये ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में और जाने
आज के इस लेख में जो जानकारी दी जा रही है वह अति महत्वपूर्ण और प्रामाणिक है यह जानकारी अन्य किसी चैनल पर संभवतः नहीं मिलेगा। यह ज्ञान प्राप्त करने वालों के लिए विशेष प्रकार की प्रस्तुति है इसलिए आपसे आग्रह है कि पूरा ब्लॉक जरूर पढ़ें। यहां दी जाने वाली जानकारी प्राचीन इतिहास से लेकर वर्तमान समय तक की अत्यंत महत्वपूर्ण घटनाओं का उल्लेख किया जा रहा है जो शौचालय निर्माण एवं स्वच्छता पर आधारित है और विश्व स्तरीय भी है।
महत्वपूर्ण स्वच्छता एवं शौचालय से संबंधित घटनाएं इस प्रकार हैं
- 1000 ईसा पूर्व में पर्शियन खाड़ी में बहराइन द्वीप पर फ्लस शौचालय का निर्माण किया गया।
- 69 ईसवी में स्पैसियूनूस ऑटो साम्राज्य ने पहली बार शौचालय पर कर लगवाया।
- 1214 ईस्वी में यूरोप में पहली बार झाड़ू वालों द्वारा शौचालय संचालित कराया गया।
- 1596 में जॉन हैरिंग्स्टन ने जल युक्त शौचगृह का आविष्कार किया।
- 1668 में पुलिस आयुक्त पेरिस द्वारा सभी घरों में शौचालय निर्माण का फरमान जारी किया गया।
- 1772 ईस्वी में यूरोप में पहली बार भुगतान किए जाने वाले शौचालय का निर्माण हुआ।
- 1824 ईस्वी में पेरिस में पहला जन शौचालय बनवाया गया।
- 1842 ईस्वी में एडविन चैडविक द्वारा संसद में जन सफाई यानि स्वच्छता कानून प्रस्तुत किया।
- 1869 ईस्वी में सीवर के पानी को उपयोग के आधार पर खाद के रूप में इस्तेमाल किया गया।
- 1881ईस्वी में पेरूसाल फ्रांस में जानमोरस ने सेप्टिक टैंक का पेटेंट करवाया इन्होंने इसको पहली बार अपने घर में बनवाया।
- 1883 ईस्वी में महारानी विक्टोरिया के लिए थॉमस ट्यूफर्ड ने पहला सिरेमिक शौचालय बनवाया।
- 1951 ईस्वी में पहली पंचवर्षीय योजना दस्तावेज में जल आपूर्ति तथा स्वच्छता को शामिल किया गया।
- 1961 ईस्वी में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा ग्रामीण शौचालय कार्यक्रम का तकनीकी दस्तावेज का प्रकाशन हुआ।
- 1978 vacnt शौचालय को स्वच्छ वाटर सील शौचालय में बदलने के बारे में भारत सरकार विश्व स्वास्थ्य संगठन यूनिसेफ के सामूहिक प्रयास से राष्ट्रीय सेमिनार पटना में आयोजन किया गया।
- 1985 ईस्वी में तकनीकी परामर्श ग्रुप ने मार्च 1985 में दो गड्ढे वाले शौचालय के निर्माण के संबंध में विस्तृत विशिष्टियों का प्रकाशन किया।
- 1986 ईस्वी में केंद्र द्वारा प्रायोजित ग्रामीण कार्यक्रम का शुरूआत किया गया।
- आठवीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक सफाई कर्मचारियों को छुटकारा दिलाने तथा पुनर्वास करने के उद्देश्य से शहर में स्वच्छ शौचालय में बदलने हेतु केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित कम लागत का स्वच्छता कार्यक्रम चलाया गया।
- 1993 में केंद्रीय ग्रामीण स्वच्छता की समीक्षा की गई।
- 1995 में स्वच्छता के बारे में मिशन के आधार पर राष्ट्रीय परामर्श दिया गया।
2017 से स्वच्छ भारत मिशन का संचालन चल रहा है।
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