शनिवार, 30 सितंबर 2017

5000 साल पुरानी अदभुत विद्या से करे हर बीमारी दूर। five thousand years old method

5000 साल पुरानी अदभुत विद्या से करे हर बीमारी दूर।


आजकल सोशल साइटों पर चैनलों की पूरी भरमार है लेकिन कुछ गिने-चुने ही चैनल है जिन पर जरूरी और महत्वपूर्ण जानकारी मिल पाती है। हमारे चैनल की भी एक विशेष प्रकार की कोशिश है कि जनहित में महत्वपूर्ण और आवश्यक एवं लाभप्रद जानकारी लोगों को बराबर दी जाए जिससे विश्व में सुख शांति के साथ-साथ आदर्श शैली एवं शुद्ध परंपरा पर आधारित समाज का गठन हो सके। इसके अलावा हमारे चैनल की टीम यह कोशिश करती रहती है की दुर्लभ, प्राचीन ,अद्भुत और विशेष ज्ञान को भी सरल और सुनियोजित ढंग से सबके सामने प्रकट किया जाए। इसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुएआज के इस लेख में अति प्राचीनऔर दुर्लभ ज्ञान को प्रकट किया जा रहा है जो 5000 साल पुरानी है। जिसके द्वारा मानव शरीर की समस्याओं को बिना दवा के और बिना मूल्य के इस टेक्नीक के द्वारा देखते ही देखते कुछ ही क्षणों में इलाज करना संभव हो सकता है। 

आईये इसके बारे में और आगे जाने 

आज के इस लेख में जिस प्राचीन विद्या के बारे में बात की जा रही है वह 5000 साल पुरानी होने के साथ-साथ यह एक विशेष जादुई उपचार पद्धति है। इसे पूरी दुनिया में कुछ गिने चुने लोग ही जानते हैं इस विद्या का उपयोग बौद्ध परंपरा में ध्यान करने वाले लोग अन्य लोगों के दुख को दूर करने के लिए उपयोग में लाया करते थे। 
शॉर्ट फॉर्म में EFT कहा जाता है इसको फुल फॉर्म में emotional freedom technique कहा जाता है जो सामान्यतः मनोचिकित्सा से संबंधित है।
  • यह तकनीकी हमारे शरीर में आई हुई सूक्ष्म ऊर्जा की रुकावटों को दूर करती है और संतुलित भी करती है। जिससे हमारे शरीर के और मन के नाकारात्मक भावनाओं और विचारों का समन हो जाता है। 
  • इससे हमारी भावनाओं और शारीरिक विकारों की समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। 
चीन में इस ऊर्जा को ची या Qui कहते हैं। जो सामान्यतः देखा जाए तो यह पुरानी एक्यूपंक्चर और एक्यूप्रेशर उपचार पद्धतियों पर आधारित है। 
कुछ विद्वानों का मानना है कि गैरी क्रैक द्वारा इस उपचार पद्धति को भावनात्मक एक्यूपंक्चर भी कहा जा सकता है लेकिन इसमेंअंगुलियों के द्वारा शरीर की भिन्न-भिन्न बिंदुओं पर टैपिंग (अर्थात थपथपाना ) किया जाता है। इससे मनुष्य के अंदर डर,भय,क्रोध,चिंता व्यसन,आघात,अवसाद,बुरे सपने ,दर्द ,सिर दर्द आदि जैसी सभी भावनात्मक और दैहिक विकारों को सरल तरीके से दूर किया जा सकता है। 
 इस विधि में शरीर के दर्द और भावनात्मक अर्थात सभी चैतसिक समस्याओं को दूर कर सकते हैं। इस पद्धति में तीव्रता सूचकांक का भी उपयोग करते हैं। इसमें 1 से 10 तक अमुख अंक प्रदान किए जाते हैं।  इस अंक को देने का आधार यह है कि जिसका इलाज करना है यदि उसे ज्यादा दुख या तकलीफ हो तो उसे सबसे ज्यादा 10 अंक देंगे। यदि दुख या तकलीफ कम होगा तो उसे जीरो या एक अंक देंगे। 
अंकों का निर्धारण किसी पैमाने या मीटर से नहीं किया जाता है। यह विवेक से किया जाता है। इसलिए इसे इंग्लिश में subjective unit V Q disorder के नाम से भी जाना जाता है। 

 स्वीकारोक्त वाक्य बनाना ( making the Accepting sentences )
आपको एक स्वीकारोक्त वाक्य बनाना होगा जिसका प्रारूप या फॉर्मेट इस प्रकार होगा यहाँ जो फॉर्मेट दिया जा रहा है जिस व्यक्ति को समस्या है वही इस लाइन को दोहराएगा -
"वैसे मुझे समस्या तो है लेकिन मैं स्वयं की पूर्णता और गंभीरता को स्वीकार करता हूँ। मैं अपने आप को प्यार करता हूँ।"
यदि आपको कोई समस्या है उसे स्वीकार करनी है जैसे यदि आपको सिर दर्द है तो कहना होगा मुझे सिर दर्द है। लेकिन इस पर ध्यान देना है की पूर्णता और गंभीरता पर  जोर देकर बोलना होगा और जो भाषा आप उपयोग कर रहे हैं वह समझ में आनी चाहिए। 

दूसरा पुनरावृत्ति वाक्य बनाना 
इसे आपको दूसरे चरण में टैपिंग करते समय बोलना है इंग्लिश वाक्य में  "even thought I have this problem I deeply & completly Accept myself " this problem की जगह आपको अपनी समस्या कहानी है।
EFT की मुख्य क्रिया को चार चरणों में बांट सकते हैं। 
  • पहला रूपरेखा ( setup )
  • दूसरा जादू की थप्पी ( the tapping sequence )
  • तीसरा नवकर्म  प्रक्रिया ( nine gamut procedure )
  • चौथा पुनरावृति ( repeat the tapping sequence )
अब हम प्रत्येक चरण को step by step explain करेंगे 
रूपरेखा 
अब आपको स्वीकारोक्त वाक्य तीन बार दोहराते हुए अपनी छाती पर स्थित दाएं और बाएं के दोनों सुकुमार स्थलों को हाथ की उंगलियों से रगड़ना है या कराटे लगाना है। रगड़ते या थपथपाते समय बहुत ज्यादा ताकत नहीं लगानी है। सुकुमार स्थलों को मालूम करने के लिए गर्दन के नीचले भाग में स्थित गड्ढे में उंगलियां रखें और 3 इंच नीचे जाएं और 3 इंच बगल की दिशा में अंगुली ले जाए यही सुकुमार स्थल है। इस जगह अंगुली रगड़ने से या घूमाने से तकलीफ हो तो आप दूसरे तरफ के सुकुमार स्थल या कराटे चाप point को थपथपा सकते हैं। हाथ की छोटी अंगुली के आधार तथा कलाई के बीच मांसल हिस्से को कराटे चाप पॉइंट कहा जाता है। 

 जादू की थप्पी 
इस चरण में पुनरावृति वाक्य दोहराते हुए और अपना ध्यान समस्या पर केंद्रित करते हुए चेहरे,छाती और हाथ के अमुख बिंदु पर क्रमवार थप्पी लगाना है। थप्पी लगाने के लिए दाहिने या बाएं हाथ की दो अंगुलियों को उपयोग में ला सकते हैं। 
इससे पॉइंट अच्छी तरह उत्प्रेरित हो जाते हैं हर बिंदु को सात बार थपथपाना चाहिए। इन बिंदुओं को थपथपाने से हमारे शरीर की सूक्ष्म ऊर्जा प्रणाली समझ लेती है कि हमें किस तकलीफ से छुटकारा पाना है। आप दाएं या बाएं किसी भी पॉइंट को थपथपा सकते हैं और ध्यान रखें की बहुत ज्यादा ताकत नहीं लगाना है। 
सबसे पहला पॉइंट भृकुटी पॉइंट जिसे आप सबसे पहले दो अंगुलियों से सात बार थपथपायेंगे। उसके बाद विभिन्न बिंदुओं को थपथपाते हुए आगे बढ़ेंगे।( इसमें कुल 12 पॉइंट्स को थपथपाना है। ) 
  • पहला भृकुटी बिंदु  यह दोनों भौहो के बीच का स्थान होता है अर्थात भौहे जहां से शुरू होती हैं।
  • दूसरा नेत्र पाशर्व  यह नेत्र के बाहरी किनारे पर स्थित होता है जहां भौहे खत्म होती है।
  • अधोनेत्र बिंदु  यह बिंदु आंख के 1 इंच नीचे स्थित होता है। 
  • अद्योनाशका बिंदु  यह पॉइंट नाक के नीचे और ऊपरी होंठ के ऊपर स्थित होता है। 
  • chine ठोड़ी  यह पॉइंट आपकी ठोड़ी तथा निचले होंठ के नीचे में स्थित होता है। 
  • हसली बिंदु  यह गर्दन के निचले हिस्से में स्थित गड्ढे के 1 इंच नीचे और 1 इंच बाहर स्थित होता है। 
  • अद्यो स्थानाग्र पॉइंट  यह पुरुषों के स्थानाग्र से एक इंच नीचे और स्त्रियों में यह स्थान स्तन के नीचले हिस्से और छाती से मिलता है। 
  • अद्यो कच्छ पॉइंट  यह आपके बगल में कांख से 4 इंच नीचे स्थित होता है। 
  • अंगुष्ठा पॉइंट  यह पॉइंट अंगुष्ठ के नाखून के आधार पर बाहरी सिरे पर स्थित होता है। 
  • तर्जनी बिंदु  यह बिंदु तर्जनी के नाखून के आधार पर अंगूठे की तरफ स्थित होता है। 
  • मध्यमा बिंदु  यह बिंदु मध्यमा अंगुली के नाखून के आधार पर अंगूठे की तरफ स्थित होता है। 
  • कनिष्ठिका पॉइंट  यह पॉइंट कनिष्ठिका के नाखून के आधार पर अंगूठे की तरफ स्थित होता है। 

 नवकर्म प्रक्रिया 
नवकर्म पॉइंट को थपथपाते हुए नव विभिन्न क्रियाएं करनी है जैसे आंखों की अमुख  क्रिया ,1 से 5 तक की गिनती आदि। 
ये क्रियाएं शरीर में सूक्ष्म ऊर्जा प्रणाली को संतुलित करती है तथा समस्याओं को हल करने में सहायता प्रदान करती है। इस क्रिया में आमने-सामने देखना है लेकिन सर नहीं घूमाना है। नवकर्म बिंदुओं को इस क्रम से आगे बढ़ाना है।  
  • आंखें बंद करें ,आंखें खोले बिना सिर हिलाये फर्श पर दाहिने तरफ देखें। 
  • बिना सिर हिलाये फर्श पर बाएं तरफ देखें। 
  • नाक को धुरी मानते हुए आंख को क्लाकवाइज गोलाई में घुमाये अब आंख को एंटीक्लाकवाइज घुमाये। 
  • 5 सेकंड तक कोई गाने का मुखड़ा गुनगुनाये उसके बाद 1 से 5 तक गिनती गिने  फिर पुनः 5 सेकंड तक अन्य कोई गाने का मुखड़ा गुनगुनाये। 
पुनरावृत्ति 
अब दूसरे चरण को एक बार फिर दोहराएं अर्थात सभी बिंदुओं को पुनरावृत्ति वाक्य को दोहराते हुए और अपना ध्यान समस्याओं पर केंद्रित करते हुए क्रमवार थप्पी लगाना है।  इसके बाद eft  का चक्र पूरा हो जाता है। 
अब आप एक लंबा सांस लीजिए फिर अपनी समस्या का आकलन कीजिए और 1 से 10 तक अंक दीजिए। इस प्रकार आप देखेंगे कि आपको कुछ लाभ प्राप्त हो गया होगा। 
यदि आपकी तकलीफ पूरी तरह ठीक ना हो तो इस प्रक्रिया को दोहरा सकते हैं। लगभग 80% तक रोगियों को इस उपचार से लाभ मिलता है। कई बार यह उपचार चमत्कारिक भी हो सकता है यदि इस उपचार से फायदा नहीं हुआ है तो आपके द्वारा किए गए स्टेप्स में त्रुटि हो सकती है। उसे सुधार करें। 
 ऐसी विशेष जानकारी एवं समस्याओं का निदान हम देते रहेंगे इसलिए  हमारे चैनल को बराबर देखते रहें। 

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