मार्केट के सभी सौंदर्य प्रसाधन आपको कहीं बीमार ना बना दे
आज के नए एपिसोड हम बताएंगे की मार्केट के सभी सौंदर्य प्रसाधन आपको कहीं बीमार ना बना दें।
आज कल युवाओं और युवतियों में सुंदर बनने की होड़ मची हुई है इसके लिए मार्केट में तरह-तरह के प्रोडक्ट उपलब्ध हैं। जिसको धड़ल्ले से उपयोग करते चले जा रहे हैं लेकिन नादान युवा वर्ग को यह नहीं मालूम है कि यह कैसे बना है और इसमें क्या मिला है ? इस प्रकार अनजाने में एक बड़ा वर्ग खतरनाक बीमारियों के तरफ बढ़ता चला जा रहा है। आज के इस लेख में यह महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है जो कॉस्मेटिक प्रोडक्ट उपयोग करने वालों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और आवश्यक है। जो हमारे चैनल के माध्यम से जनहित में दी जा रही है।
आईये जानकारी करने के लिए आगे बढ़े।
पढ़े लिखे लोगों को कम से कम इतना जरूर सोचना चाहिए कि कोई भी प्रोडक्ट उपयोग करने से पहले यह जरूर देखें कि वह प्रोडक्ट लाभदायक है या नुकसानदायक है। परन्तु ऐसा होता नहीं है लोग तुरंत लाभ देखते हैं और कंपनियां अपनी कमाई देखती है अर्थात दोनों लोगों को जीवन के सुरक्षा के संदर्भ में कुछ लेना देना नहीं है। जहां ऐसे लोगों की भरमार है वहां ऐसी स्थिति में ऐसी जानकारी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। दिल्ली की एक संस्था है सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट जिसे शॉर्ट में CSE कहते हैं। इसमें 2 साल तक लगातार सर्वेक्षण एवं परीक्षण के बाद यह निर्णय दिया कि भारतीय बाजार में बिकने वाले सौंदर्य प्रसाधन में जहरीले रसायनो और तत्वों की उपस्थिति पाई गई है। मार्केट में कई क्रीम और लिपिस्टिक में अधिक मात्रा में पारा, क्रोमियम और निकिल पाए गए हैं जो जहरीले तत्व होते हैं। इसलिए CSE के निदेशक के अनुसार ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट & रूल ऑफ़ इंडिया के तहत कॉस्मेटिक प्रोडक्ट में पारे के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। क्योंकि पारा, क्रोमियम और निकिल सौंदर्य प्रसाधन के द्वारा सीधे शरीर के ऊपर प्रयोग किए जाते हैं जिससे शरीर में फेफड़ों के कैंसर से लेकर किडनी के खराब होने तक की समस्या आ सकती है। इसके अलावा त्वचा से संबंधित अन्य बीमारियां भी हो सकती है इस प्रकार हमारे चैनल के माध्यम से जीवन की सुरक्षा और स्वास्थ्य के साथ-साथ सुखी और वैभवशाली जीवन बिताने के लिए तरह-तरह की सहयोगी और आवश्यक ज्ञान दी जाती है।
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