किस दिशा में बनाएं पूजा स्थल
किस दिशा में बनाएं पूजा स्थल
निवास स्थान बनाने के कार्य के आरंभ में लोग अक्सर विचार करते हैं कि पूजा स्थल किस दिशा में बनाएं ?
इससे संबंधित जानकारी एवं सुझाव बिंदु उल्लेख निम्नवत किया जा रहा है :--
- पूजा स्थल बनाने के लिए ईशान कोण अर्थात उत्तर पूर्व उचित दिशा माना जाता है। पूजा स्थल विपरीत दिशा में होने से पूजा में मन नहीं लगता है और सकारात्मक परिणाम नहीं आते है।
- ईशान कोण में क्यों पूजा स्थल बनाया जाता है ? क्योंकि वास्तु शास्त्र के अनुसार देव गुरु बृहस्पति का स्थान माना जाता है उत्तर पूर्व दिशा में ही वासुदेव का निवास होने के साथ उनके शरीर की यही दिशा मानी जाती है।
- अग्नि कोण में भी स्थान अभाव में पूजा स्थल बना सकते हैं।
- बेसमेंट में कभी पूजा स्थल नहीं बनाए।
- बेडरूम में भी पूजा स्थल ना बनाएं।
- शौचालय एवं बाथरूम के बगल में पूजा स्थल ना बनाएं।
- पूजा स्थल की सामग्री एवं स्थान और मूर्तियों को हमेशा साफ-सुथरा बनाए रखें।
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